सर्दी के मौसम में परिषदीय स्कूलों के बच्चे ठंड से बीमार हो रहे हैं। उनके पास जूते नहीं हैं। कुछ बच्चे चप्पलों में तो कुछ नंगे पैर स्कूल जाने को मजबूर हैं। माता-पिता की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे उन्हें जूते दिला सकें।
जिले में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के करीब 69000 बच्चों को जूते बांटे जाने थे। लेकिन लक्ष्य से काफी कम जूते बच्चों को दिए गए हैं। कहीं क्वालिटी खराब है, तो कहीं जूते के साइज में दिक्कत है।